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Showing posts from March 17, 2013
आज वो दूरियों का अहसास होने लगा हे  पास तू था तो सब कुछ हसी सा था  दूर हो गया तो तूने अहसास भी करा दिया  आज मे वापस आना चाहता हू उस पूरानी दौड़ में  जानता हू वहा भी कोई नही मिलेगा  तू और तेरे से जुडी हुई यादो को ही आब समेटे हु  जनता हू पास होता तो सायद ऐसा न होता  इ ऍम सॉरी माय फ्रेंड व मिस यू हमेशा