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Showing posts from September 11, 2011
RTI के माध्यम से यह जानकारी मिली है कि विगत सात माह में 400  ऐसे बच्चों को  रजिस्टर्ड किया गया जो एचआईवी से ग्रसित हैं। जाहिर है कि इन बच्चों का जीवन अधिक लंबा नहीं है । ये तो थी आकड़ों की बात अब हम आपको एक ऐसी वास्तविक घटना से परिचित  कराने जा रहे है जिसे पढ़कर आप सिहर उठेगे  एड्स पीड़ितों की बढ़ती संख्या का सबसे ज्यादा खामियाजा महिलाओं एवं बच्चों को भुगतना पड़ता है। विगत 3 अप्रैल को इंदौर के एम.वाय. अस्पताल में एक बच्चे को जन्म देने के बाद एक 30 वर्षीय महिला ने दम तोड़ दिया था। बुरहानपुर जिले के गंभीरपुरा गांव की इस महिला को 31 मार्च को नेहरू अस्पताल बहुरहानपुर से इन्दौर रेफर किया गया था। एम.वाय. अस्पताल में प्रारंभिक जांच के बाद भर्ती की प्रक्रिया पूरी हुई थी कि डॉक्टरों ने मरीज के पूर्व रिपोर्टों के अध्ययन के बाद पाया कि वह एच.आई.वी. पॉजिटिव है और उन्होंने मरीज को टरका दिया। लाख गुहार के बावजूद डॉक्टरों ने उसे भर्ती करने से साफ-साफ इंकार कर दिया और असहनीय प्रसव पीड़ा से जूझती महिला को उसके परिजन कुछ सोच पाते उसके पहले ही अस
                                       लोगो ने कहा की मैं शराबी हूं,                                    मेन Kaha Unho ने Ankhon से Pilaiee है.                                     लोगो ने कहा की मैं आशिक हूं,                                   मेन Kaha Ashiqi Unho ne Sikhaiee है.                               लोगो Ne Kaha "शैलेश" तू शायर Dewana है,                                   मेन Kaha unki मोहब्बत रंग  layi है