जब भी कभी दोस्त मुझे , 2 पेग व्हिस्की देते थे मैं झूल जाता था माँ , मेरी नज़र ढूंढें ठेके , सोचु यही तू मुझको नज़र न आ जाये माँ दारू मैं इतना पिता नहीं , पर मैं सहम जाता हूँ माँ , चेहरे पे आने देता नहीं , लेकिन मैं लुडक जाता हूँ माँ , तुझे सब है पता है ना माँ ….