जब भी कभी दोस्त मुझे ,
2 पेग व्हिस्की देते थे मैं झूल जाता था माँ ,
मेरी नज़र ढूंढें ठेके ,
सोचु यही तू मुझको नज़र न आ जाये माँ
दारू मैं इतना पिता नहीं ,
पर मैं सहम जाता हूँ माँ ,
चेहरे पे आने देता नहीं ,
लेकिन मैं लुडक जाता हूँ माँ ,
तुझे सब है पता है ना माँ ….
2 पेग व्हिस्की देते थे मैं झूल जाता था माँ ,
मेरी नज़र ढूंढें ठेके ,
सोचु यही तू मुझको नज़र न आ जाये माँ
दारू मैं इतना पिता नहीं ,
पर मैं सहम जाता हूँ माँ ,
चेहरे पे आने देता नहीं ,
लेकिन मैं लुडक जाता हूँ माँ ,
तुझे सब है पता है ना माँ ….
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