“ मेरी माँ की यादें ”
“ मेरी माँ ने मुझको समझा,बाकी सबनें बहकाया,
फैला के ममता का आँचल, मुझको है गले से लगाया ”
है फोन कॉल करती मुझको ,सारी बातें करती मुझसे,
मेरा हाल जान लेती है पर ,अपना कभी न कहती मुझसे,
मेरी हर बातों को माँ अपने दिल से लगाये,
हर बार तो माँ मुझको,कोई नयी सीख बतलाए
हर बार है माँ ने है पूछा, बेटा तूने कुछ खाया,
मेरी यादों मे मेरी माँ,बाकी न किसी की छाया,
मेरे दिल पे है बस मेरी माँ का साया,
उसकी ममता के आगे,बेकार है सारी माया॰
मेरी माँ की ममता है सबसे निराली,
उसकी ममता के आगे बेकार हैं होली दिवाली,
मेरी हर यादों को तो वो,अपनी यादें बनाये,
अपनी ममता का सारा हक़ मुझपे दिखलाये॰
“ मेरी माँ ने मुझको समझा,बाकी सबनें बहकाया,
फैला के ममता का आँचल, मुझको है गले से लगाया ”
अभिनव द्विवेदी
पता - 126 एम.आइ.जी. 3 सूर्यविहार, नवाबगंज कानपुर (208002)
दूरभाष - 09045510407
शिक्षा - (बीएससी (आईटी), ओरेकल ट्रेनी)
कवितायें – 1॰ “मेरी माँ की यादें”
2॰ “वो ज़रा सी बात”
3॰ “मेरे प्रियतम”
4॰ “अन्य मुक्तक”
वर्तमान पता – मून ऐप्स डीबीए टेक्नोलोजीस
रिसाल सिंह नगर, आईटीआई रोड
अलीगढ़ (202001)
Posted 55 minutes ago by shailesh dixit
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