APNA KANPUR
manzill की chah Mai न Zane कहा से कहा आ gya.
अब एक sedhe chadta हू 2 dusri dikh zati है. dusri badhta हू 2 tesri आzati है.
नई jagah Mai अपने bindas कानपुर मैं dudhne की kosis करता हू.
मिलता नही सहर thak कर khada हो zata हू ..
नए saher मुझे नए मिल दोस्त. लेकिन इनको bhe एक दिन zuda हो zanaहै.
sochta hu सब chod कर zau अपने bindas बचपन कश्मीर saher Mai.
वो घर सामने बना पार्क, पार्क Mai बना मंदिर ..
शाम को जब घर लौट कर अता था.
fre hoker मंदिर JATA और दोस्त
का zamghat
Lag jata tha...
एक dusre से tesre की burai, बड़ा hasi mazak होता था.
mauhla bhe hasi बड़ा dukhi होता था.
एक ghante hasi mazak बाद बाइक lekr हम निकल padte.
कभी beear
कभी angregi tharra पिया करते.
रात को नियंत्रण hoker जब घर zata था.
pakda gya 2 खाना khane बुरा माँ का trailor bhe खाता था.
अब yado Mai heee baase है वो दिन.
जब कभी कानपुर JATA हु,
अपने dosto साथ वो purane Yade vapas लाना चाहता हू ..
manzill की chah Mai न Zane कहा से कहा आ gya.
अब एक sedhe chadta हू 2 dusri dikh zati है. dusri badhta हू 2 tesri आzati है.
नई jagah Mai अपने bindas कानपुर मैं dudhne की kosis करता हू.
मिलता नही सहर thak कर khada हो zata हू ..
नए saher मुझे नए मिल दोस्त. लेकिन इनको bhe एक दिन zuda हो zanaहै.
sochta hu सब chod कर zau अपने bindas बचपन कश्मीर saher Mai.
वो घर सामने बना पार्क, पार्क Mai बना मंदिर ..
शाम को जब घर लौट कर अता था.
fre hoker मंदिर JATA और दोस्त
का zamghat
Lag jata tha...
एक dusre से tesre की burai, बड़ा hasi mazak होता था.
mauhla bhe hasi बड़ा dukhi होता था.
एक ghante hasi mazak बाद बाइक lekr हम निकल padte.
कभी beear
कभी angregi tharra पिया करते.
रात को नियंत्रण hoker जब घर zata था.
pakda gya 2 खाना khane बुरा माँ का trailor bhe खाता था.
अब yado Mai heee baase है वो दिन.
जब कभी कानपुर JATA हु,
अपने dosto साथ वो purane Yade vapas लाना चाहता हू ..
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