Skip to main content




                                        हर कोई प्यार k लिये tadapta ... है.
हर कोई प्यार k लिये रोटा ... है.
 दोस्त ये दोस्ती सदा kayam रखना ...
क्योंकि सबसे jyada प्यार iss दोस्ती वह होता है मेई ...
`
 मोहब्बत तेरे अंजाम पे रोना आया
जाने क्यों आज तेरे नाम पे रोना आया
यूं करने के लिए हर नकली umedon में guzar jaati है
आज कुछ बात है जो नकली पे रोना आया
`
तुम khusi मुझे होती है के लिए hanso
तुम rodo आंखें मेरी रोटी हैं.
Mehsoos कर के देख ... लो ..
दोस्ती ऐसे ही होती है ...
`
गीत की zaroorat mehfil में होती है
प्यार की zaroorat दिल में होती है
बिन दोस्ती के adhuri है ये ज़िंदगी
क्योंकि दोस्त zaroorat हर दोस्त mehsus होती है की
`
हर rishtonke मुकाम नहीं होते ...
दिल के rishtonke कोई नाम नहीं ... होते ...
Paaya है आपको दिल की रोशनी ... से ... ....
आप जैसे दोस्त kisike लिए आम नहीं ... होते ... .. .
`
Aapki दोस्ती की एक नज़र चाहिए;
दिल है beghar उपयोग एक घर चाहिए
बस यूं ही साथ चलते रहो  दोस्त;
ये दोस्ती हमे उमर भर चाहिए.
`
दोस्त Aansuo की भी शान होती है के लिए है,
दोस्त Mahfhil भी Kabristaan ​​होती है ना हो,
सारा दोस्ती का उच्च है के लिए खेल,
Mayyat करें रंग और बारात एक समन होती है.
`
जिंदगी मुझे जब Maayus रंग ... हम ..
सोचा कश्मीर क्या paaya क्या खोया ... ....
Khone hisaab  लगा paaye करने के लिए का ...
याद बस इतना रहा ... के ...
जिंदगी से भी प्यारा .. आप जैसा एक दोस्त Paaya ...
`
सफर लांबा है दोस्त banate rahiye
दिल मील  मील हाथ badate rahiye
ताज ना banaiye महंगा padega
हर तरफ Mumtaj banate rahiye.
`
ना khwabon मुझे देखा, ना nazaron मुझे देखा,
Hazaron मुझे एक humne तुम हाय मैं देखा,
गम बालू के टीले हर दोस्त है यहाँ के लिए ज़ख़म का निशान,
हर दोस्त खुशी बालू के टीले walon मुझे एक आप हाय मैं देखा ...

Comments

Popular posts from this blog

DAUD         आज, ना जाने क्यों ? थक गया हूँ जीवन की इस दौड में कोई राह नहीं सामने दूर तक इन उनींदी आँखों में नया जीवन चाहता हूँ आज मैं रोना चाहता हूँ भय था कभी विकराल लडकपन था नादान माँ का असीम प्यार पिता की डाँट और दुलार जून की दोपहरी में, छत पर वही बिछौना चाहता हूँ आज मै रोना चाहता हूँ नाना‍‍ नानी की कहानियाँ दादा दादी की परेशानियाँ भैया दीदी की लडाईयाँ पापा मम्मी की बलाइयाँ बस उन्हीं लम्हों में आज फिर खोना चाहता हूँ आज मैं रोना चाहता हूँ साथियों के संग होली का हुडदंग बारिश में कागज की नाव दबंग गर्मियों में छुट्टियों के दिन स्कूल में सीखने की उमंग अपने अकेलेपन में, वो टूटे मोती पिरोना चाहता हूँ आज मैं रोना चाहता हूँ कुछ कर गुजरने की चाह सफलता की वो कठिन राह मुश्किलों का सामना करने की पापा की वो सलाह आज फिर से वही सपने संजोना चाहता हूँ ना जाने क्यों, आज मैं रोना चाहता हूँ शायद कुछ छोड आया पीछे आगे बढ़ने की हौड में पीछे रह गये सब, मैं अकेला इस अंधी दौड में लौटा दो कोई मेरा बचपन, पुराना खिलौना चाहता हूँ हाँ, आज मैं रोना चाह...
RTI के माध्यम से यह जानकारी मिली है कि विगत सात माह में 400  ऐसे बच्चों को  रजिस्टर्ड किया गया जो एचआईवी से ग्रसित हैं। जाहिर है कि इन बच्चों का जीवन अधिक लंबा नहीं है । ये तो थी आकड़ों की बात अब हम आपको एक ऐसी वास्तविक घटना से परिचित  कराने जा रहे है जिसे पढ़कर आप सिहर उठेगे  एड्स पीड़ितों की बढ़ती संख्या का सबसे ज्यादा खामियाजा महिलाओं एवं बच्चों को भुगतना पड़ता है। विगत 3 अप्रैल को इंदौर के एम.वाय. अस्पताल में एक बच्चे को जन्म देने के बाद एक 30 वर्षीय महिला ने दम तोड़ दिया था। बुरहानपुर जिले के गंभीरपुरा गांव की इस महिला को 31 मार्च को नेहरू अस्पताल बहुरहानपुर से इन्दौर रेफर किया गया था। एम.वाय. अस्पताल में प्रारंभिक जांच के बाद भर्ती की प्रक्रिया पूरी हुई थी कि डॉक्टरों ने मरीज के पूर्व रिपोर्टों के अध्ययन के बाद पाया कि वह एच.आई.वी. पॉजिटिव है और उन्होंने मरीज को टरका दिया। लाख गुहार के बावजूद डॉक्टरों ने उसे भर्ती करने से साफ-साफ इंकार कर दिया और असहनीय प्रसव पीड़ा से जूझती महिला को उसके परिजन कुछ सोच प...

100 ka note

बापू , बहुत पीड़ा होती है  तुम्हारी मुस्कुराती तस्वीर  चंद हरे पत्तों पर  देख कर  जिसको  पाने की चाह में  एक मजदूर  करता है दिहाडी  और जब शाम को  कुछ मिलती है  हरियाली  तो रोटी के  चंद टुकड़ों में ही  भस्म हो  जाती है  न जाने कितने  छोटू और कल्लू  तुमको पाने की  लालसा में  बीनते हैं कचरा  या फिर  धोते हैं झूठन  पर नहीं जुटा पाते  माँ की दवा के पैसे  और उनका  नशेड़ी बाप  छीन ले जाता है  तुम्हारी मुस्कुराती तस्वीर  और चढा लेता है  ठर्रा एक पाव . बिना तुम्हारी तस्वीरों को पाए  जिंदगी कितनी कठिन है गुजारनी  इसी लिए न जाने कितनी बच्चियाँ झुलसा देती हैं अपनी जवानी .  देखती होगी  जब तुम्हारी  आत्मा  अपनी ही मुस्कुराती तस्वीर  जिसके न होने से पास  किसान कर रहे हैं  आत्महत्या  छोटू पाल रहा है  अपनी ही लाश  न जाने कितनी बच्चियां  करती हैं...