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mera tha koi





ना खुदा दिल banata  किसी से प्यार होता है,
ना kisiki याद अति  kisika intazar होता.
दिल दिया है बनना सम्भल के रखना,

Shishe से बना है पत्थर से dur रखना!
`
अगर हम ना गजल कौन kehta होते,
आप के चेहरे को कमल मैं kehta
ये करिश्मा है मोहब्बत का,

वर्ना pathro मैं tajmahal कौन kehta ..
`
दिल से hamko mitta देना करने के लिए Chaho
हमको भुला देना करने के लिए Chaho
संसद ये वाड़ा करो की आये जो कभी याद हमारी

रोना नही बस muskura देना ...
`
Tarasti nazaron की pyas हो तुम,
Tadapte दिल की आस हो तुम,
Bujti ज़िंदगी की एसएएस हो तुम,

फिर कैसे ना kahu? .. कुछ खास हो तुम ...
`
आँखों मुझे अरमान दीया karte है,
हम Sabki Neend चुरा लिया करते है,
अब से जब जब Aapki Palkay ... Jhapkeygi ..

समाज लीना टैब टैब हम आपको याद किया करते ... है ..!

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                                       लोगो ने कहा की मैं शराबी हूं,                                    मेन Kaha Unho ने Ankhon से Pilaiee है.                                     लोगो ने कहा की मैं आशिक हूं,                                   मेन Kaha Ashiqi Unho ne Sikhaiee है.                               लोगो Ne Kaha "शैलेश" तू शायर Dewana है,                                   मेन Kaha unki मोहब्बत रंग  layi है
हर देश की पत्रकारिता की अपनी अलग जरूरत होती है। उसी के मुताबिक वहां की पत्रकारिता का तेवर तय होता है और अपनी एक अलग परंपरा बनती है। इस दृष्टि से अगर देखा जाए तो भारत की पत्रकारिता और पश्चिमी देशों की पत्रकारिता में बुनियादी स्तर पर कई फर्क दिखते हैं। भारत को आजाद कराने में यहां की पत्रकारिता की अहम भूमिका रही है। जबकि ऐसा उदाहरण किसी पश्चिमी देश की पत्रकारिता में देखने को नहीं मिलता है। आजादी का मकसद सामने होने की वजह से यहां की पत्रकारिता में एक अलग तरह का तेवर विकसित हुआ। पर समय के साथ यहां की पत्रकारिता की प्राथमिकताएं बदल गईं और काफी भटकाव आया। पश्चिमी देशों की पत्रकारिता भी बदली लेकिन वहां जो बदलाव हुए उसमें बुनियादी स्तर पर भारत जैसा बदलाव नहीं आया। इन बदलावों के बावजूद अभी भी हर देश की पत्रकारिता को एक तरह का नहीं कहा जा सकता है। पर इस बात पर दुनिया भर में आम सहमति दिखती है कि दुनिया भर में पत्रकारिता के क्षेत्र में गिरावट आई है। इस गिरावट को दूर करने के लिए हर जगह अपने-अपने यहां की जरूरत के हिसाब से रास्ते सुझाए जा रहे हैं। हालांकि, कुछ बातें ऐसी हैं जिन्हें हर जगह पत्रकारि